अचानक इशांक के स्पर्श में आने से कनिषा स्तब्ध हो गई,उसकी शरीर की हरकतों के साथ साथ उसकी सांसे भी रुक गई,अपने चेहरे के बगल में इशांक के सुंदर नैन नक्श देख,एक पल के लिए वो कहीं खो सी गई,तभी इशांक ने उसे अपने गुस्से भरी आंखो से घूरा और अगले ही पल उसके कमर में दोनो हाथ फांसते हुए खींच कर सीट पर बैठ गया।।कनिषा उससे छूटने के लिए छटपटाती उससे पहले ही इशांक ने उसे अपने जांघों पर अर्जेस्ट किया और एक हाथ के इस्तमाल से उसके दोनो हाथों को पकड़, दुसरे हाथ से उसके कमर को जकड़