आपके पास चाहे जितना भी दोस्त ही, रिश्तेदार हों,कोई भी यकीनन हर इंसान के जिंदगी में एक समय,एक ऐसा वक्त आता है जब वो हजारों के भीड़ में भी खुद को अकेला पाता है। साथ तो सब होते हैं लेकिन नाम के कोई भी ऐसा नहीं होता है । जो आपके दिलों का हाल पूछे, छोड़ देते हैं लोग ये सोच कर की ये उसकी समस्या है। हमे क्या मतलब है , उससे वो कुछ भी करे । और जब वही इंसान तन्हा और अकेला जीता जीता एक दिन अपने अकेलेपन के जिंदगी से तंग आकर मर जाता है। आत्म