खुशी ए एस पी की ऑफिस निकल गई। उस दिन १४ फरवरी थी। खुशी हाथ में गुलाब का फूल लेके ऑफिस पहुंची ओर बहुत खुश हुई आखिरकार उसे उसका प्यार मिलने वाला था। वो किसीको प्रपोज करने वाली थी। ऑफिस का बेर डोर बजाया,,, अन्दर से आवाज आई आ जाओ,,, खुशी धड़कन तेज हो गई. उसने देखा तो सर के पास उसका असिस्टेंट भी था। खुशी ऑफिस के अंदर गई। गुलाब का फूल पीछे छुपा दिया। ओर बोली... में वो... में... वो. सर बोले.. बोलो क्या हुआ? क्या बात है? बैठो और बताओ। खुशी डर गई, मन