वो पहला इज़हार

साक्षी और आरव की दोस्ती में एक अलग ही गर्माहट थी। वो दोनों बचपन से एक-दूसरे के सबसे करीबी दोस्त थे। आरव अपनी ज़िंदगी को सरलता से जीने वाला लड़का था। साक्षी को उसकी यही सादगी और मासूमियत पसंद आई थी। धीरे-धीरे उसकी ये पसंद प्यार में बदल गई, लेकिन उसने इसे कभी जाहिर नहीं किया। वो जानती थी कि आरव की ज़िंदगी में पढ़ाई और करियर ही सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। वो दोनों कॉलेज में थे, और आरव अपने करियर को लेकर बहुत ज़्यादा फोकस्ड था। साक्षी हर दिन उसे देखती, उसकी बातें सुनती, और उसे समझने की कोशिश