खामोशी की सच्चाई

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अध्याय 1: एक अनकही कहानीगाँव के एक छोटे से नुक्कड़ पर, एक पुरानी मिट्टी की झोपड़ी खड़ी थी। इस झोपड़ी में रह रही थी राधिका, एक साधारण सी महिला। उसकी आँखों में गहरे दर्द की छाया थी, और उसकी खामोशी में एक अनकही कहानी छिपी हुई थी। लोग उसे एक साधारण गृहिणी समझते थे, लेकिन उसके भीतर एक अनमोल सागर था—भावनाओं का, इच्छाओं का, और सबसे बढ़कर, खामोशी का। राधिका का बचपन गाँव के एक सम्पन्न परिवार में बीता। उसका सपना था पढ़ाई करना, शहर जाना, और अपनी खुद की पहचान बनाना। लेकिन उसके परिवार की पारंपरिक सोच ने उसे