फ्लेटों में रहन सहन यशवंत कोठारी महानगरों में ही नहीं छोटे शहरों में भी अब मध्यम वर्गीय आदमी फ्लेटों में रहने की सोचने लगा है ,बाज़ार वाद के चलते बड़ी बड़ी कम्पनियां इस व्यापार में उतर गयी है, बड़ा मुनाफा है ,सरकार का सपोर्ट है ,बेंक लोन की आसान सुविधा है और चुकाने के लिए लम्बे समय की सहूलियत भी है ,एक तरह से किराये के मकान से बेहतर है और क़िस्त चुकाने मात्र से मकान खुद का हो जाता है .इस सुनहरे पहलू के बाद कुछ स्याह चित्र भी देखे जाने चाहिए. 1-फ्लेटों के जो चित्र दिखाए जाते हैं