स्वयंवधू - 20

मैं सोफ़े पर हमारे बीच तीन हाथ की दूरी बनाकर बैठ गयी, आमतौर पर यह डेढ़ हाथ की दूरी होती थी। वहाँ पहेली भी चिंतित होकर आ गई और मुझे खुश करने के लिए म्याऊँ-म्याऊँ करने लगी और मेरी गोद में बैठ गई।मैं बात करने गयी पर मुझसे नहीं हो पाया और मैं, पहेली को ले अपने कमरे में भाग गयी। वहाँ दी मेरा इंतज़ार कर रही थी।"कहाँ थी इतनी देर?", दी ने गुस्से से पूछा,"-दी।", मैंने कांपती हुई आवाज़ में कहा।मुझे डरा देख पहेली दी पर गुर्राने लगी।मैं पहेली को उठा, "पहेली! बच्चा ये मेरी बड़ी बहन है। गलत