दर्द का रिश्ता तो मेरा बचपन से रहा है और आज भी वही सिलसिला चल रहा है मगर में कभी टूटा नहीं ना कभी खुद को बिखरने दिया कभी बचपन कैसा गुजरा मेरा में जानता हूं क्योंकि मां बाप का इकलौता बेटा था Mom DED को इतना वक्त नही मिलता था की मुझे प्यार दे मेरी देख भाल करे बिलकुल भी नहीं फिक्र रहती थी उन्हें वो अपने कामों में ही वियस्थ रहते थे जैसे जैसे में बड़ा होता गया में समझने लगा अपने आप को अपनी एहमियत को mom मुझे बहुत प्यार करती थी पापा उतना नही करते थे क्योंकि उन्हें कभी वक्त नही मिला मेरे