कहानी में अब तक हम ने पढ़ा की लूसी ने एक बेचैनी की शिद्दत वाली रात गुजारी फिर वह वर्षा को गहरी नींद सोते देख सुबह सुबह ही तैयार हो कर हॉस्पिटल चली गई जहां रोवन एडमिट था। रविवार की सुबह थी इस लिए इतनी चहल पहल नहीं थी जितनी बाकी के छह दिनों में होती है। लूसी ने रिसेप्शनिस्ट से रोवन के कमरे का नंबर पूछा और उस तरफ जाने लगी। उसे रोवन के कमरे में जाने में बेहद हिचकिचाहट हो रही थी ये सोच कर के ना जाने उनका कैसा रवैया होगा। जैसे जैसे कमरे की ओर कदम बढ़ा