60 सोच निहाल ने अपन पिता से बहुत पूछा तो उनको बताना पड़ा, “उन्होंने बड़े ही आराम से उसकी बात का ज़वाब देते हुए कहा, “मैंने अपनी ज़मीन का एक टुकड़ा जमींदार गिरधारी चौधरी के पास गिरवी रख दिया।“ “क्या !!! “नन्हें को अभी भी अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उसने गुस्से में कहा, “बापू आप अभी जाए और वापिस करें यह पैसे, मुझे ऐसी कोई कोचिंग नहीं करनी है।‘ उसके बापू ने उसे समझाते हुए कहा, “ नन्हें, ठन्डे दिमाग से मेरी बात सुन !!! बेटा!! हमे तुझसे बहुत उम्मीदे हैं, और हम तेरे