प्रतिशोध - 5

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रानी"क्या प्यारा नाम है।जैसा नामसचमुच तुम रानी ही हो"नौकरानी से भी बदतर जिंदगी है मेरी"क्यो"मैं अनाथ हूँ"अनाथ।मतलब यहा"मेरे मा बाप बचपन मे ही जब में बहुत छोटी थी।एक दुर्घटना में चल बसे थे।कोई नाते रिश्तेदार जिससे खून का रिश्ता ही हमारा इस दुनिया मे नही था"फिर तुम यहाँ किसके पास रह रही हों?"उमेश ने रानी से पूछा था"माँ ने अपने गांव के ही एक आदमी को अपना भाई बना रखा था।वह मेरी माँ को बहुत मानते थे।जब उन्हें इस दुर्घटना के बारे में पता चला तो वह दौडे चले गए।मुझे लेने के लिए"ऊपर वाले कि मेहरबानी है।व