जिंदगी के पन्ने - 3

रागिनी, जो अब तीन साल की हो गई थी, अपने मासूम चेहरे और चमकती आँखों के साथ सभी का दिल जीत रही थी। उसकी मासूमियत और प्यारी मुस्कान ने हर किसी को आकर्षित किया था। पड़ोस में कोई उसे देखता, तो उसके चेहरे पर एक अद्भुत चमक देखते ही बनती थी। उसकी मासूमियत ने उसे सबकी चहेती बना दिया था। उसके पास एक हरे रंग का बंदर का खिलौना था, जिसे वह हमेशा अपने साथ रखती थी। यह खिलौना न केवल उसकी सबसे प्यारी चीज़ थी, बल्कि यह उसके लिए एक दोस्त भी था। रागिनी उसे हर वक्त गले लगाती,