प्राचीन भारत का एक छोटा सा गाँव था, जिसका नाम था *तुनकपुर*। गाँव के अधिकतर लोग मांसाहारी थे। वहाँ के लोग अपने रीति-रिवाजों और आदतों में रचे बसे थे और बिना मांस के भोजन की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। लेकिन उस गाँव में एक महान संत, **महात्मा वसुदेव** आए। वसुदेव जी अपनी दिव्यता और सरलता के लिए पूरे इलाके में प्रसिद्ध थे। उनके कई शिष्य भी उनके साथ थे, जो गाँव-गाँव जाकर लोगों को सही मार्ग दिखाते थे।गाँव में पहुँचने के बाद संत वसुदेव जी ने देखा कि लोग अपनी सेहत और स्वभाव में भारीपन महसूस करते थे।