द्वारावती - 54

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54गुल गुरुकुल में अध्ययन करने लगी। अनेक दिन व्यतीत हो गए। मुल्लाओं की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आइ। गुल अनेक ग्रंथों का अध्ययन करने लगी। किंतु उसकी अधिक रुचि श्रीमद् भगवद गीता में थी। समुद्र के तट पर बैठकर वह गुरुकुल में सीखे विषयों का पाठ करती, गीता के श्लोकों का पठन करती, उसके अर्थों को समझती। यह सब वह समुद्र को सुनाती।उसे सुनकर समुद्र तरंगित हो जाता तथा गुल के समीप गुल के मुख से श्लोकों को सुनने आ जाता, विशिष्ट गर्जना से संगीत का सर्जन करता। जैसे किसी गायक के गान के साथ कोई संगीतकार अनेक वाद्यों