द्वारावती - 52

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52समय अपनी गति से प्रवाहित होता रहा। केशव को मिठापुर गए अनेक सप्ताह हो गए। इन दिनों में केशव के जीवन में क्या हुआ होगा उससे गुल अनभिज्ञ थी। वैसे तो गुल के जीवन में जो घटा उससे केशव भी अनभिज्ञ था। वास्तव में दोनों के जीवन में विशेष कुछ नहीं घटा था। प्रतिदिन प्रातः काल में गुल समुद्र तट पर आती, सूर्योदय को समुद्र की साक्षी में निहारती, कुछ मंत्रों का गान करती, भड़केश्वर महादेव के मंदिर जाती, आरती-पूजा-अर्चना-दर्शन करती घर लौट आती। प्रत्येक दिन उसे मन होता कि गुरुकुल जाकर केशव के विषय में किसी से बात करें, उसके