शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 17

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल "( पार्ट -१७)माँ को प्यारी बेटी, पिता को समझने वाली बेटी, दुनिया की सारी रस्में बेटी निभाती है, आदि व्याधि उपाधि में, बेटी ही काम आती है, तुम दोनों कुलों को उजागर करने वाली माता-पिता की सयानी बेटी हो सारे जीवन चक्र के पीछे बेटियां होती है ....शुभम अपनी बेटी प्रांजल के साथ फोन पर बातचीत करती है।बात बात में बताती है कि पापा आप शादी कर लो। पीछली अवस्था में आप को सहारा मिल जायेगा।और मेरी पहली पसंद रूपा आंटी है।अब आगे....यह सुनकर शुभम के मुख पर रोनक आ गई। सोचने लगा कि शायद रूपा इसी बारे में