चक राजवंश को खत्म कर अकबर ने कश्मीर को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वहां एक सूबेदार नियुक्त कर प्रशासन चलाने लगा। अकबर अपने जीवन में 3 बार कश्मीर की यात्रा पर गया। 1589 की पहली यात्रा में उसने कश्मीरी ब्राह्मणों को स्वर्ण मुद्राएं दी और मार्तण्ड मंदिर गया। 1592 की दूसरी यात्रा के दौरान दीपावली थी। अकबर ने उसमें भी शिरकत की।1597 में अकबर तीसरी बार कश्मीर गया तो भयानक अकाल पड़ा था। सूबे में भुखमरी फैली थी। अकबर ने हरि पर्बत में विशाल नागर किला बनवाया, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। अकबर का उत्तराधिकारी जहांगीर तो