मोमल : डायरी की गहराई - 13

एक थकान भरा दीन गुजारने के बाद आज रात भी मोमल को वोही आवाज़ सुनाई दे रही थी। बेबी मर जायेगा, बेबी को मार दूंगी!"इस लिए वो बहुत डरी हुई थी। लुना को सुला कर वो अपने बिस्तर पर खामोश बैठी थी और एक तरफ अब्राहम सोफे पर सर टिकाए आंखे बंद कर के बैठा था। वो कहीं खोया खोया हुआ सा था और मोमल बैठ कर उसे ही देख रही थी। एक सन्नाटा पसरा हुआ था। पास के तालाब में बीच बीच में हलचल होने लगती लेकिन अब इन सब चीज़ों की आदत पड़ चुकी है। अब वे लोग