अब तक कहानी में हम ने पढ़ा की दुलाल ने लूसी को अपने बारे में और हमज़ाद के बारे में सब कुछ समझाया। रोवन हॉस्पिटल में बेहोश था और लूसी बेचैनी और बदसुकुनी में वहां से लॉज चली आई। रोवन के जीजा जी और रूमी ने उसे लॉज के गेट तक पहुंचा दिया। तूफानी बारिश हो रही थी। अपने कमरे में जाते ही लूसी ने देखा के वर्षा सिकुड़ कर अपने बिस्तर पर बैठी किसी से फोन पर बातें कर रही है। लूसी को देखते ही उसके पास आई और बेसब्री से पूछने लगी :" तुम मेरा फोन क्यों नही