शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 16

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"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१६)घर की जान होती हैं बेटियाँपिता का गुमान होती हैं बेटियाँईश्वर का आशीर्वाद होती हैं बेटियाँयूँ समझ लो कि बेमिसाल होती हैं बेटियाँबेटो से ज्यादा वफादार होती हैं बेटियाँमाँ के कामों में मददगार होती हैं बेटियाँमाँ-बाप के दुःखको समझे, इतनी समझदार होती हैं बेटियाँअसीम प्यार पाने की हकदार होती हैं बेटियाँडॉक्टर शुभम:-"बेटा, हम कॉलेज के दिनों से दोस्त हैं। हम एक-दूसरे को पसंद करते थे। लेकिन उसके पिता को यह पसंद नहीं था कि मैं मनोचिकित्सक बनूं। लेकिन आखिरकार रूपा ने उन्हें मना लिया। लेकिन..लेकिन..।"यह कहते-कहते डॉक्टर शुभम अभिभूत हो गये.उसने बात