दोहा : जुगत भीड़ाई काग नै पी लिया घड़े से नीर। प्रयत्न कर ऐ मानव तू मत रह खड़ा अधीर।। साहित्यिक विवेचन :इस दोहे में कवि ने जीवन में जुगत (चतुराई) और प्रयत्न के महत्व को रेखांकित किया है। कौए का उदाहरण देकर, कवि यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और चतुराई से काम लेने पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य को प्रेरित किया गया है कि वह अधीर न हो, बल्कि अपनी बुद्धि और प्रयत्न से समस्या का समाधान निकाले। आइए इसका विस्तार से साहित्यिक विवेचन करते हैं: विषय-वस्तु :इस दोहे की