Shadow Of The Packs - 20

  • 357
  • 105

पृथ्वीराज की बात सुनकर रूक्मणी उसकी बात समझने के बजाय और गुस्से मे आ गई। “आपने विक्रांत को ये तो बता दिया की इस लड़की को ठीक किया जा सकता है! पर तुमने विक्रांत को ये बताया की इस लड़की को ठीक करने के लिए हमे कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी!” रूक्मणी ने विक्रांत से ये कहा ही था की इतने में विक्रांत कुछ सोचते हुए पूछता अपनी मां से पूछता है, “मां...! ये आप कौनसी कीमत चुकाने की बात कर रही हो?” रूक्मणी इस बारे मे विक्रांत को बताने ही वाली होती है की पृथ्वीराज उसे रोक देता है