उजाले की ओर –संस्मरण

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================== नमस्कार स्नेही मित्रों बहुत सी बातें अचानक स्मृति-पटल पर कौंधने लगती हैं और उनको आप सबसे साझा करने का मन हो जाता है | कारण? कि हमें सबसे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है| चलिए, एक किस्सा सुनाती हूँ जो मुझे भी किससी ने सुनाया ही था अब उसे थोड़ा मठारकर मैं आप मित्रों के सामने परोस रही हूँ | एक चाट वाला था। जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही इंतज़ार कर रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। कई बार उसे कहा कि