प्रकरण - ५७दिवाली का त्यौहार आया, ढेर सारी खुशियाँ लेकर आया।नई उम्मीदें लेकर आया,तिमिरपंथ पे ज्योति लेकर आया। अब दिवाली का त्यौहार आ गया था। हमारे घर में दिवाली की तैयारियां बड़े ही जोरोंशोरो से चल रही थी। मेरी मम्मी, पापा, नीलिमा, फातिमा और दर्शिनी सभी इस दिवाली की तैयारी में व्यस्त थे।इस घर में दर्शिनी की ये आखिरी दिवाली थी। अगले साल तो वैसे भी उसकी शादी हो जानेवाली थी इसलिए वो दिवाली अपने ससुराल में ही मनानेवाली थी, इसलिए हम सभी इस दिवाली का भरपूर आनंद लेना चाहते थे। इस साल की दिवाली हमारे लिए बहुत खास थी, क्योंकि लंबे