तमस ज्योति - 49

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प्रकरण - ४९मुझे निषाद मेहता के साथ जो कॉन्ट्रैक्ट साइन करना था उसकी पूर्व तैयारी मैंने और मेरे पापाने हम दोनोंने पहले से ही करके रखी थी। जैसा कि आप सभी जानते है की उस समय मैं सूरदास था, इसलिए मेरे साथ किसी न किसी का हमेशा रहना अनिवार्य था।मेरे पापा को भी मेरी चिंता थी और इसीलिए उन्होंने मेरे लिए मेरे पी.ए. के रूप में एक आदमी का इंतजाम किया था। सुभाषभाई मेरे पापा के खास दोस्त थे। मेरे पापा को जब उनके साथ बातों बातों में पता चला कि सुभाषभाई का बेटा भी अहमदाबाद में नौकरी ढूंढ रहा