प्रकरण - ४६मैं दिन की अपनी आखिरी रिकॉर्डिंग ख़त्म करके अभी-अभी घर पहुँचा था। मैंने विराजभाई को चाय बनाने के लिए कहा इसलिए विराजभाई चाय बनाने के लिए रसोई में चले गये। मैं थोड़ी देर आराम करने के लिए अपने बिस्तर पर लेट गया। तभी अचानक मेरे मोबाइल की घंटी बजी जो रईश का नाम ले रही थी। मैंने फोन उठाया और हैल्लो कहा।सामने से रईश की आवाज आई। वो बोला , "रोशन! कैसा है? तुम्हारा काम कैसा चल रहा है?" मैंने बोला "बस! बहुत अच्छा चल रहा है। तुम बताओ। तुम्हारा रिसर्च कहा तक पहुंचा?रईशने बताया, "बस! यही बात बताने के