साथिया - 118

अक्षत घर आया और तो देखा  हॉल  में ही साधना और अरविंद बैठे हुए हैं। "क्या हुआ आप लोग इस तरीके से टेंशन में क्यों हो?" अक्षत ने कहा। "अरे वह तुमने जब से बताया कि  सांझ को सब कुछ याद आ गया है, बहुत परेशान थे हम लोग।" साधना बोली" परेशानी की कोई बात नहीं है मम्मी..!! वह ठीक है हां थोड़ा परेशान हुई थी  और वह तो स्वाभाविक भी है।  किसी  भी इंसान को जब पुरानी तकलीफें याद आती है तो दर्द तो महसूस होता ही है ना..?? बस वही दर्द  सांझ को हुआ।"अक्षत बोला और साधना की तरफ देखा। "इसीलिए