साथिया - 117

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उधर  अबीर और  मालिनी घर की तरफ आ रहे थे। "क्या लगता है तुमको मालिनी  सांझ माफ करेगी मुझे..?? इतनी बड़ी बात वो एक्सेप्ट कर पायेगी।"मुश्किल होगा पर मुझे विश्वास है कि अक्षत उसे समझा देगा..!! बहुत समझदार है अक्षत। जब उसे आपसे नाराजगी  थी उसके  बाबजूद  उसने न सिर्फ आपको माफ किया बल्कि साँझ को नए रंग रूप  नई  पहचान के साथ एक्सेप्ट किया। उसका साथ दिया तो अब  भी  जरूर सांझ को समझाएगा। आप दोनों के रिश्ते खराब नहीं होने देगा।" मालिनी ने अबीर  को समझाते हुए कहा। थोड़ी देर में  वो लोग  घर पहुंच गए। अबीर ने  आते ही  सांझ