साथिया - 101

ईशान के  इस तरीके से नाराजगी दिखाने और इग्नोर करने के कारण शालू  को बेहद तकलीफ हो रही थी और उसकी आंखें रह रहकर भर रही थी तो  उसने विंडो से बाहर देखना बेहतर समझा ताकि कोई उसके आंसू ना देख सके। माही और अक्षत के साथ-साथ  ईशान  से भी उसके दर्द और आंसू छिपे हुए नहीं थे। माही  को बेहद बुरा लग रहा था शालू  के लिए।  पर साथ ही साथ वह समझ रही थी ईशान की नाराजगी भी और साथ ही साथ उसे खुद के लिए भी बुरा लग रहा था कि आज  ईशान और  शालू के बीच जो