ईशान के इस तरीके से नाराजगी दिखाने और इग्नोर करने के कारण शालू को बेहद तकलीफ हो रही थी और उसकी आंखें रह रहकर भर रही थी तो उसने विंडो से बाहर देखना बेहतर समझा ताकि कोई उसके आंसू ना देख सके। माही और अक्षत के साथ-साथ ईशान से भी उसके दर्द और आंसू छिपे हुए नहीं थे। माही को बेहद बुरा लग रहा था शालू के लिए। पर साथ ही साथ वह समझ रही थी ईशान की नाराजगी भी और साथ ही साथ उसे खुद के लिए भी बुरा लग रहा था कि आज ईशान और शालू के बीच जो