इस भाग को समझने के लिए इसके इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें ..….............अचानक तहखाने का द्वार खुला और उसमे एक नर कंकाल प्रवेश किया । राजकुमार ने तुरन्त निर्णय लिया और बेहोश बनकर लेट गया । नर कंकाल सीधा राजकुमार के पास पहुंचा और जैसे ही राजकुमार को उठाने के लिए झुका , वैसे ही राजकुमार ने अपनी चमत्कारी तलवार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया ।अब राजकुमार आजाद था । वह तेजी से तहखाने के बाहर आया और सीधा उस स्थान पर आ पहुंचा जहाँ आंखे बंद किये हुए तांत्रिक कपाली अपना अनुष्ठान कर