भय का कहर.. - भाग 2

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कमरे की दीवारों से खून टपकने लगा, और…….भय का गह्वर (मध्य भाग)अर्जुन और उसके दोस्तों की मौत के बाद, गांव वालों ने उस भयावह हवेली को पूरी तरह बंद कर दिया। लेकिन फिर भी, गांव में रात के समय एक अजीब-सी बेचैनी बनी रहती थी। हवेली के आसपास से गुजरने वाले लोगों को अचानक ठंडक महसूस होती, और उन्हें अर्जुन और उसके दोस्तों की दबी-दबी चीखें सुनाई देतीं। इस घटना के बाद से, गांव वालों में एक गहरी दहशत बैठ गई थी।कुछ महीनों बाद, गांव में एक नए परिवार का आगमन हुआ। यह परिवार शहर से आया था, और वे