शाम की लालिमा ख़त्म हो कर अब अंधेरा छाने लगा था। परिंदे चहचहाते हुए अपने आशियानों में जा रहे थे। उस बुरी आत्मा की स्केच जल जाने की वजह से मोमल परेशान हो रही थी। अब्राहम अपने बिस्तर पर खामोश बैठा हुआ बस उसे ही देख रहा था और वो इधर उधर टहल रही थी। फिर अचानक रुक कर बोली :" मैं चाय बनाने जा रही हूं! आपको चाहिए ? मैं बहुत अच्छी चाय बनाती हूं।"अब्राहम ने कहा :" हां क्यों नही , ज़रूर "मोमल किचेन चली गई, अब्राहम धीरे धीरे उठ कर अपने कमरे से बाहर आया और डायनिंग रूम