मोमल : डायरी की गहराई - 9

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रात शुरू होते ही दिल में दहशत बढ़ जाती है लेकिन वोही दहशत दीन के उजाले में धुंधली पड़ जाती है। सुबह चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ जैसे मोमल को खुशखबरी सुना रही हो। उनकी आवाज़ सुन कर पहली बार इतना सुकून महसूस हो रहा था की वो बिस्तर पर बैठी हुई खिड़की से आ रहे सूरज की किरणों को देख कर सुकून भरी सांसे ले रही थी। ऐसा महसूस हो रहा था के उसने रात न काटी हो बल्के तूफान में समंदर का सफर किया हो । उस ने रात को जिस आत्मा को देखा था उसे ठीक से याद करने