पीहर

  • 888
  • 297

पीहरसुबह बाबुजी का फोन आया ,मां के जाने के बाद बाबुजी के बस एक आध ही तो फोन आये थे ।. आज उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के बड़ी गंभीर आवाज में कहा था ’’जाकर घर संभाल आना, जो सामान ठिकाने लगाना है लगा देना, घर चाहो तो रखो अन्यथा अपने भाई माधव से पूछ लेना। तुम आपस में मिलकर जो करना चाहो’’। मैंने घीरे से पूछा ’’और आप’? उन्होंने कुछ रूककर कहा ’’मैं अब आश्रम में ही रहूंगा । मैंने अपनी व्यवस्था कर ली है’’। हिम्म्त बटोर कर स्वरा ने कहा था ’’बाबु जी आप हम सब के रहते