अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 6

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           तभी दरवाजा खुलने की आवाज आती है! रतन छुप जाता है| नयन अंदर बड़बड़ाते हुए आती है और केहती है! " पानीपुरी थोड़ी ही बची थी , इस चटनी को भी अभी गिरना था | क्या कसूर था उस बिचारी पानीपुरी का?जिसे मुझे अकेले छोड़कर आना पड़ा | आजतक मैने किसी पानीपुरी को अकेला नही छोड़ा ! वाह!  क्या डायलॉग बोलती हुँ मै! मुझे तो Actor होना चाहिए था!"        रतन ये सब सुनकर जोरोंसे हंस पड़ता है ! नयन के हाथोंसे साबुन फिसलकर गिर जाता है ! और वो घबराकर केहती है