द्वारावती - 47

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47गुल जब घर लौटी तो उसने देखा कि उसके आँगन में अनेक लोगों की भीड़ जमी हुई थी। भीड़ के मध्य में उसके पिता हाथ जोड़े मस्तक झुकाए खड़े थे। भीड़ में से कुछ लोग बुलंद स्वरों में कुछ बोल रहे थे। गुल की मां एक कोने में खड़ी खड़ी रो रही थी। गुल वहीं रुक गई। किसी का ध्यान उस पर पड़े उससे पूर्व वह छुप गई। कुछ समय पश्चात मां तथा पिता को डराकर भीड़ चली गई। गुल दौड़कर घर में चली गई। मां – पिता डरे हुए बैठे थे। गुल ने मां का हाथ पकड़ लिया। पिता ने गुल