द्वारावती - 46

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46केशव ने जब गुरुकुल में प्रवेश किया तो उसे द्वार पर दो छात्र मिले। केशव ने उनको देखा, उन्होंने भी केशव को देखा। केशव ने उन्हें स्मित प्रदान किया किन्तु उन दोनों ने उसका कोई प्रतिभाव नहीं दिया। केशव आगे बढ़ा। कई और छात्र मिले। उनका व्यवहार भी वही था जो उन दो छात्रों का था। वह क्षण भर रुका, चारों तरफ उसने देखा। सभी छात्र वहीं थे जो उन्हें देख रहे थे। सबके मुख पर जो भाव थे वह केशव को अज्ञात लगे।  केशव सीधे अपने कक्ष में चला गया। द्वार भीतर से बंद कर बैठ गया। कुछ क्षण बिना