नक़ल या अक्ल - 54

54 कौन है?   सोना ख़ुशी से चिल्लाते हुए अपने बापू के पास गई और बोली, “जीजो! कैसे हो आप? आप कब आए?” अरे! साली साहिबा !!! अभी तो पहुँचा हूँ और बापू जी मुझे इधर लेकर आ गए।“ अब बापू ने उसे वहाँ  बिछी कुर्सी पर बिठाया, तभी सोना निर्मला को खींचते हुए सुनील के पास लेकर आ गई। उसने बिरजू को बड़ी  बेबसी से देखा । बिरजू ने सुनील को बहुत बुरी तरह घूरा, उसका मन किया कि वह एक ज़ोरदार घूँसा  उसके मुँह पर मार दें। सुनील ने निर्मला को देखकर कहा, “आज तो बड़ी जँच रही