जहां एक तरफ मैत्री जतिन की यादो मे खोयी हुयी अपनी मम्मी सरोज से लिपट कर सो रही थी वहीं दूसरी तरफ दूसरे कमरे मे राजेश के सीने पर सिर रखकर लेटी नेहा ने राजेश से कहा- आज पूरा दिन कितना अच्छा निकला ना...राजेश ने कहा- हां... शादी से पहले तो जादा बात नही हो पायी थी जतिन के घरवालो से लेकिन आज इत्मिनान से आमने सामने बैठकर बात करके बहुत अच्छा लगा....नेहा ने कहा- हां... आंटी जी तो बहुत ही हंसमुख हैं, बिल्कुल लगा ही नही कि मैत्री दीदी की ससुराल मे बैठे हैं हम लोग, बहुत ही सकारात्मक