वरदान विला...अरव ने रोनित के मदद से लकड़ियों के बने ढेर पर आग जलाई और अलाव जल उठे फिर ढोल नगाड़े बजने शुरू हुआ.....बुआ जी ने अपने पति के साथ जलती हुई अलाव कि पूजा कि फिर अरव और अरुल उसके बाद बुआ जी के दोनों बेटे बहू पूजा किया फिर बारी बारी से सभी मेहमानों ने पूजा कर लाई रेवड़ी मूंगफली तिल अलाव में फेंककर पूजा किया...बुआ जी बोली " अरव चलो अपने वोटी के साथ गिधा पाओ ...अरव ने कहा " हम तो अपने स्टाइल में गिधा पाएंगे बुआ जी और अरुल को देखा तो अरुल अपने फैमिली