राज घराने की दावत..... - 3

              राज घराने की दावत, 3" जाओ!!!मुझे तुम्हारी बात पर जरा भी भरोसा नहीं है सुधीराम "" अच्छा चलो एक काम करते हैं "!!!!!!तुम अपने पुत्र से स्वयं ही पूछ लो यदि मैंने उससे कुछ पूछा होगा तो मैं अपनी मुझे उखाड़ लूंगा और....यदि नहीं पूछा होगा तो तुम अपनी उखाड़ना "यह सुनकर मतकू राम अपने पुत्र से पूछता है तो उसका पुत्र बताता है की सुधि राम ने उसे कुछ नहीं पूछा इसलिए सुधीराम मतकू राम को देखते हुए कहता है कि" अब बोलो मतकू राम??? "" क्या सोचा फिर???? "उसके ऐसे व्यंग्य