शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 14

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"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( part -14)प्रेम के विषय में ओशो कहते हैं कि...प्रेम सभी मांग रहे हैं ,देने वाला कोई नहीं। प्रेम शारीरिक नहीं है, इसका नाता कहीं विश्रांति से है, पिघलने से है, पूरा मिट जाने से है। उन पलों में यह मिट जाता है अत: निश्चित ही यह शारीरिक नहीं। तुम्हें अधिक प्रेम देना सीखना होगा। तुम्हे बस लेने का अनुभव है।---------डॉ. शुभम घर जाने की तैयारी कर रहे थे तभी उनकी बेटी प्रांजल का एक मैसेज आया।पिताजी, क्या मैं थोड़ी देर के लिए  आपसे बात कर सकती हूँ?  शायद तुम हॉस्पिटल में होगे इसलिए मैसेज किया