**अध्याय 3: ताबीज का रहस्य**(जारी...) ---अध्याय 3: ताबीज का रहस्यराजवीर ने जैसे ही हवेली से बाहर कदम रखा, उसे महसूस हुआ कि उसके आस-पास का माहौल अचानक से बदल गया है। बाहर का वातावरण बेहद शांत था, लेकिन इस शांति में एक भयानक सन्नाटा छिपा हुआ था। राजवीर ने उस ताबीज को अपने हाथ में कस कर पकड़ रखा था, लेकिन उसके मन में उठ रहे सवाल उसे बेचैन कर रहे थे। वह समझ नहीं पा रहा था कि इस ताबीज का क्या करना चाहिए। क्या उसे वापस हवेली में छोड़ देना चाहिए? लेकिन कहीं यह ताबीज ही उस रहस्य की कुंजी