इधर जब शिवनन्दन सिंह जी घर लौटे तो उन्हें देवराज और प्रयागराज ने सुहासिनी के बारे में सब बता दिया, सुहासिनी के बारें में सुनकर शिवनन्दन सिंह जी का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उन्होंने फौरन ही देवराज और प्रयागराज को आदेश दिया कि जितनी जल्दी हो सके,सुहासिनी के लिए रिश्ता ढूढ़ो उसका ब्याह करके ही अब सबको चैन मिलेगा,इस लड़की ने तो हमारी इज्जत मिट्टी में मिला दी,कहीं का नहीं छोड़ा हमें.... और फिर क्या था देवराज और प्रयागराज अपने पिता के कहने पर सुहासिनी के लिए वर और घर दोनों की तलाश करने लगे..... लेकिन ये