तमस ज्योति - 27

  • 138

प्रकरण - २७अभिजीत जोशी का मुझ पर फोन आया। उन्होंने मुझसे कहा, "रोशनजी! जैसा कि हमने आपके विद्यालय के कार्यक्रम में चर्चा की थी, इस तरह से अब मेरे पास समय है और मैं अपने एलबम पर काम करना चाहता हूं। अब आप मुझे ये बताईए की क्या आप अगले सप्ताह से मुंबई आ पाएंगे?"मैंने कहा, "हाँ। मैं आ तो जाऊंगा लेकिन आप जानते हैं कि मैं सूरदास हूं इसलिए आम लोगों की तरह काम नहीं कर पाऊंगा। आप अब भी एक बार इस बारे में सोच लीजिएगा।”अभिजीतने कहा, "आप इसके के बारे में बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए। मैंने