"तू तो मेरा साथ नहीं छोड़ेगी ना चारू?" राजीव की सुबकते हुये कही गयी ये बात सुनकर चारू ने उसकी हिम्मत बढ़ाते हुये कहा- बचपन से लेकर आजतक मैंने कभी तेरा साथ छोड़ा है क्या जो अब ऐसे समय में जब मेरे सबसे प्यारे दोस्त को मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है... मैं उसका साथ छोड़ दूंगी!!अपनी बात कहते कहते चारू ने राजीव के आंसू पोंछते हुये कहा- मुझे तेरा साथ छोड़ना ही होता तो मैं सिर्फ तेरी वजह से यहां क्यों आती और तुझे ऐसी हालत में देखने के बाद यहां क्यों रुकती.. हम्म्!!"मेरी वजह से क्यों? तुझे कैसे पता