मायके मे सबसे मिलने के थोड़ी देर बाद मैत्री ने कहा- मै कानपुर मम्मी जी को कॉल करके बता देती हूं कि मै घर पंहुच गयी उन्होने कहा था कि पंहुच कर फोन कर देना.... उन्हे चिंता हो रही होगी...मैत्री के ऐसा कहने पर वहां खड़े सब लोग खासतौर पर सरोज और जगदीश प्रसाद मुस्कुराने लगे ये सोचकर कि रवि से शादी के बाद जब मैत्री विदा होकर आयी थी तो उसके चेहरे पर असंतुष्टि और घबराहट साफ दिख रही थी लेकिन इस बार अपनी सास बबिता का जिक्र करके उसके चेहरे पर उनसे बात करने का उतावला पन और