कुछ लोग या कहूं भारत में अधिकांश लोग ये कहते हुए बहुत गर्व महसूस करते है की हम हिंदू है ।उनसे जब हिंदू का अर्थ पूछे तो वो कहेंगे भाई हम तो हिंदू है बस। कुछ लोग तो घनघोर बगावत कर जाते है...कहते है की हम बचाएंगे धर्म को। जब उनसे पूछा जाए कैसे तो उनके पास शब्द नहीं होते । मैं कहती हूं जो चीज शास्वत है उसे मिटने का डर कैसा ।मैंने कही पढा था जो चीज शास्वत होती है उसे मिटने का भय नहीं होता। खतरे में धर्म है या कुछ लोगो की सोच ? क्या मानवता खतरे में