भगवान्‌ के चौबीस अवतारों की कथा - 9

  • 555
  • 204

कल्कि-अवतारकी कथा—कलियुग के अन्तमें जब सत्पुरुषोंके घर भी भगवान्‌ की कथामें बाधा होगी, ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य पाखण्डी हो जायँगे और शूद्र राजा होंगे, यहाँतक कि कहीं भी स्वाहा, स्वधा और वषट्कारकी ध्वनि नहीं सुनायी पड़ेगी। राजा लोग प्रायः लुटेरे हो जायँगे, तब कलियुगका शासन करनेके लिये भगवान् बालकरूपमें संभल ग्राममें विष्णुयशके घरमें अवतार ग्रहण करेंगे। परशुरामजी उनको वेद पढ़ायेंगे। शिवजी शस्त्रास्त्रोंका संधान सिखायेंगे, साथ ही एक घोड़ा और एक खड्ग देंगे। तब कल्किभगवान् ब्राह्मणोंकी सेना साथ लेकर संसारमें सर्वत्र फैले हुए म्लेच्छोंका नाश करेंगे। पापी दुष्टोंका नाश करके वे सत्ययुगके प्रवर्तक होंगे। वे ब्राह्मणकुमार बड़े ही बलवान्, बुद्धिमान् और