विक्रांत से बात करने के कुछ ही देर बाद पृथ्वीराज के पास किसी का फोन आया। पृथ्वीराज ने जब फोन पर देखा तो वो उनके पिता शिवराज सिंघाल का फोन था। शिवराज सिंघाल भेड़ियों के मुखिया भी थे। “हेलो...! जी पापा, जैसा आपने कहा था , मैने विक्रांत से बात कर ली है। वो जल्द ही यहां आ जायेगा।” पृथ्वीराज ने अपने पापा शिवराज से कहा। “मैने तुम्हे उस बात के लिए फोन नही किया है। मैं तुमसे ये पूछना चाहता था की हमारी तैयारी कहां तक पहुंची?” शिवराज ने पृथ्वीराज से पूछा। “पापा मैने हमारे सभी लोगों तक खबर भिजवा दिया